दर्द की जब कभी इन्तहा होती हैं Admin बेचैनी शायरी, प्रेम << उसके साथ रहते रहते हमे चा... ये मेरा दिवानापन है >> दर्द की जब कभी इन्तहा होती हैंदवा की जरुरत फिर कहाँ होती हैंतन्हाई, बेचैनी और बस कुछ आहेंइनमे पल कर ही मोहब्बत जवां होती हैं Share on: