दिल तोड़ना सजा है मुहब्बत की! दिल जोड़ना अदा है दोस्ती की! मांगे जो कुर्बानियां वो है Admin शायरी की महफ़िल, प्रेम << ना चाहत के अंदाज़ अलग वो कहते हैं दिल पे भरोसा ... >> दिल तोड़ना सजा है मुहब्बत की!दिल जोड़ना अदा है दोस्ती की!मांगे जो कुर्बानियां वो है मुहब्बत!और जो बिन मांगे कुर्बान हो जाये वो है दोस्ती! Share on: