ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा Admin हश्र शायरी, प्रेम << नहीं जो दिल में जगह तो नज... तेरे जलवों का मुझपें ऐसा ... >> ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा,क्योंकि हस्र की परवाह मैं नहीं करता,फनाह होना तो रिवायत है तेरी,इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता। Share on: