एक अजब सा डर सता रहा है Admin अकेला पर शायरी, प्रेम << चॉद भी बडा कातील है तुम आये तो लगा हर खुशी आ ... >> एक अजब सा डर सता रहा है,,कुछ अँधेरा हैं जो मुझे डरा रहा है ,सहम गयी हूँ तो खुद में ही छूप गयी हूँ,दूर दूर तक अकेलापन ही नजर आ रहा है ! Share on: