फिजाओं में रंग कुछ इस तरह मिल जाये कि मुरझाई हुई कलियाँ खिल जाये अबके सावन मिले Admin सावन हिन्दी शायरी, प्रेम << इन आँखों से तेरा अक्स मिट... हमने जब भी चाहा भरपूर चाह... >> फिजाओं में रंग कुछ इस तरह मिल जायेकि मुरझाई हुई कलियाँ खिल जायेअबके सावन मिले हम एक दूजे से कुछ ऐसेकि मैं तुझमे घुल जाऊं, तू मुझमे घुल जाये Share on: