गमों का दौर गर आये नहीं पलकें भिगौना तुम अंधेरा हो घना कितना नहीं बेआस होना Admin दुनिया शायरी हिंदी, प्रेम << अब क्या फायदा बादलों के ब... न वो इकरार करते हैं औ न इ... >> गमों का दौर गर आये नहीं पलकें भिगौना तुमअंधेरा हो घना कितना नहीं बेआस होना तुमभले दुनियां बने दुश्मन मुकद्दर ले नहीं सकतीपराई पीर सहकर भी गमों का बोझ ढोना तुम Share on: