हुस्न और खुशबु का सबब हो तुम प्रेम << सच्चे प्यार में निकले आँस... पहली मोहब्बत थी मेरी हम य... >> हुस्न और खुशबु का सबब हो तुमऐसा खिलता हुआ गुलाब हो तुमतुम जैसा हसीन न होगा इस जहाँ मेंतमाम हसीनों में लाजवाब हो तुम। Share on: