जाने कब Admin प्रेम << तन्हाई मैं मुस्कुराना भी ... कसक प्यार की छुपाये हुए न... >> जाने कब, कैसे, कहाँ उस एक चेहरे का दीदार हो गयाबस तबसे ये दिल उन दो आँखों में गिरफ्तार हो गयाकसमें तो हमने भी खायी थी सबसे ऊँची उड़ानों की मगरजाने कब ये परिंदा पिंजरे में अपनी रफ़्तार खो गया..... Share on: