जात-पात और मजहबो में उलझ कर रह गई मोहब्बत Admin प्रेम << उदासी ने फिर मुझे छेड़ दिय... बहुत आयेंगे तुम्हारी ज़िं... >> जात-पात और मजहबो में उलझ कर रह गईमोहब्बत,समझ नहीं आता इश्क़ रूह से होता है यानाम से !! Share on: