जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें … Admin धोखा पर शायरी, प्रेम << जन्नत मैं सब कुछ हैं मगर ... छुपी होती है लफ्जों में ब... >> जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें …. आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें …. ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया ….वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें Share on: