ज़माने की गलियों मे खो गये हैं Admin जिन्दा दिल शायरी, प्रेम << मेरे वजूद में काश तु उतर ... अजीब तरह के लोग हैं >> ज़माने की गलियों मे खो गये हैं,हम भीड़ मे भी तन्हा हो गये हैं।जब से दूर वो हमस हुऐ,हम जिन्दा होके भीमौत के पहलू मे सो रहे हैं।फरीद बरकाती Share on: