ज़रूरत ही है अल्फाज़ों की Admin मंजर की शायरी, प्रेम << चाहे प्यार कितनI भी दूर र... कितने चेहरे हैं इस दुनिया... >> ज़रूरत ही है अल्फाज़ों कीप्यार तो चीज़ है बस एहसास कीपास होते तो मंजर ही क्या होतादूर से ही खबर है हमें आपकी हर सांस की। Share on: