जिधर देखता हूँ उधर बस तू ही तू है Admin खुशबू हिंदी शायरी, प्रेम << वो तो पानी की बूँद है जो ... एहसास बहुत होगा >> जिधर देखता हूँ उधर बस तू ही तू है...इन फिजाओं में, घटाओं में, हवाओं में तेरी ही खुशबू हैतुझे दिल से कैसे निकाल दूँ ऐ दिलबर..जब इस दिल को बस तेरी ही आरज़ू है.. Share on: