जिक्र उनका ही रहा मेरे फसाने में जिनको जान से ज्यादा चाहा हमने जमाने में तनहाई में Admin तनहा दिल शायरी, प्रेम << रेत पर नाम लिखते नहीं रेत... यादों में तेरी आंसू बनके ... >> जिक्र उनका ही रहा मेरे फसाने मेंजिनको जान से ज्यादा चाहा हमने जमाने मेंतनहाई में उनकी ही याद का सहारा मिलानाकामयाब रहे जिन्हें हम भुलानेमें Share on: