जो भी होठों से न कह पाए दास्तां आंखों में रह जाए वो चली जाती है Admin यादें की शायरी, प्रेम << जिनको तन्हाई का सहारा है ... यूँ तो होती है काफी लोगो ... >> जो भी होठों से न कह पाए दास्तां आंखों में रह जाएवो चली जाती है दूर सही यादें दामन में मेरे रह जाएदिल में पानी लिए चलते हैं कोई प्यासा कहीं मिल जाएजो भी पहचाने मिले राहों में हर कोई हमपे अब हंस जाए Share on: