क़यामत के रोज़ फ़रिश्तों ने जब माँगा उससे ज़िन्दगी का हिसाब Admin शायरी रिश्तों पर, प्रेम << उसके रूठने की अदायें भी मुस्कुराता रहु मैं तेरी न... >> क़यामत के रोज़ फ़रिश्तों ने जब माँगाउससे ज़िन्दगी का हिसाब,ख़ुदा, खुद मुस्कुरा के बोला, जाने दो,‘मोहब्बत’ की है इसने. Share on: