माँ-बाप से बड़ा कोई दर्जा नहीं होता बच्चों का माँ-बाप पर कर्जा नहीं होता अपनी खुशियाँ लूटा Admin बाप पर शायरी, प्रेम << तेरे दिल की सजायेंगे अपना... वो भुल गये की उन्हे हँसाय... >> माँ-बाप से बड़ा कोई दर्जा नहीं होताबच्चों का माँ-बाप पर कर्जा नहीं होताअपनी खुशियाँ लूटा देते है बच्चों पर माँबाप की बात न माने वो अच्छा नहीं होता Share on: