मां-- मां तो जन्नत का फूल है Admin नाराज दोस्त की शायरी, प्रेम << चुपके से धड़कन में उतर जा... नज़र को नज़र की खबर ना लग... >> मां--मां तो जन्नत का फूल है,प्यार करना उसका उसूल है ,दुनिया की मोह्ब्बत फिजूल है ,मां की हर दुआ कबूल है ,मां को नाराज करना इंसान तेरी भूल है , मां के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है.......... Share on: