मुझे इन पत्थरों का डर ना होता Admin शीशे पर शायरी, प्रेम << हर किसी पर इतना ऐतबार मत ... नजर में आपकी नज़ारे रहेंग... >> मुझे इन पत्थरों का डर ना होताअगर शीशे का मेरा घर ना होतायकीकन हम भी खेलते प्यार की बाज़ीअगर दिल टूटने का डर ना होता। Share on: