सोचा था तुझपे प्यार लुटाकर तेरे दिल में घर बनायेंगे Admin नाय साल की शायरी 2016, प्रेम << इंसान अगर दिल से खेलना छो... जब हम सब कुछ हमारी सोच अन... >> सोचा था तुझपे प्यार लुटाकर तेरे दिलमें घर बनायेंगे,हमे क्या पता था दिल देकर भी हम बेघररह जाएँगे.. Share on: