ताश के खेल ओर जिन्दगी के मेल मे Admin जिन्दगी कि शायरी, प्रेम << "ना खुशी ना कोई तमन्ना है... ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत ... >> ताश के खेल ओर जिन्दगी के मेल मे . एक बात यादरखना..."अपने "इक्के" को तब हि उजागर करना..जबविरोधी का बादशाह सामने हो....." Share on: