तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो Admin मजबूरी की शायरी, प्रेम << रात क्या ढली सितारे चले ग... ईस्वर ने हमारे शरीर की रच... >> तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो,यु तुम हमें इशारा ना करो,दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी,तुम तन्हाइयों में यूं तडपया ना करो…! Share on: