वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं Admin शायरी दिखाये, प्रेम << उस पगली को क्या पता जिस म... इसी कशमकश में सारी रात न... >> वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहींकहाँ से लायें लफ्ज़ जब हम को मिलते ही नहींदर्द की जुबान होती तो बता देते शायदवो ज़ख्म कैसे दिखायें जो दिखते ही नहीं। Share on: