सन्तुलित दिमाग जैसा कोई नही। संतोष जैसा कोई सुख कोई नही। लोभ जैसी कोई बुराई नही और दया Admin प्रेरणादायक << दुनियां का हर शौंक पाला न... जब टूटने लगे हौंसले तो बस... >> सन्तुलित दिमाग जैसा कोई नही।संतोष जैसा कोई सुख कोई नही।लोभ जैसी कोई बुराई नहीऔर दया जैसा कोई पुण्य नही। Share on: