भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत Admin सलामती शायरी, बेवफ़ाई << रिश्तों से नाराज़गी होने ... जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गय... >> भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत,तो भूलके तुमको संभलना हमें भी आता है,मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना,तेरी तरह बदल जाना हमें भी आता है। Share on: