एक फूल का दर्द उसकी जुकि डाली समजते हे Admin माला शायरी, बेवफ़ाई << अगर इतनी ही नफरत है हमसे ... उन्होंने हमें आजमाकर देख ... >> एक फूल का दर्द उसकी जुकि डाली समजते हे,बाग की बात बाग का माली ही समजते हे,ये किस तरह की रात बनाई हे दुनियावाले ने,दिए का दिल जलता हे और लोग रोशनी समजते हे Share on: