नफरत को मोहब्बत की आँखों में देखा Admin शायरी नफरत की, बेवफ़ाई << जल-जल के दिल मेरा जलन से ... इल्जाम न दे मुझको तूने ही... >> नफरत को मोहब्बत की आँखों में देखा,बेरुखी को उनकी अदाओं में देखा,आँखें नम हुईं और मैं रो पड़ा...जब अपने को गैरों की बाहों में देखा। Share on: