वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए! वो खुशी ही क्या जो होठों पर Admin शायरी खामोशी पर, बेवफ़ाई << यूही किसी की याद मे रोना ... पलकों को कभी हमने भिगोए ह... >> वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए!वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!कभी तो समझो मेरी खामोशी को!वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें.........! Share on: