तू देख सकता काश रात के पहरे में मुझको तेरी यादें शायरी, यादें << यादें करवट बदल रही हैं वो तेरे खत तेरी तस्वीर और... >> तू देख सकता काश रात के पहरे में मुझकोकितनी बेदर्दी से तेरी याद मेरी नींद चुरा लेती है! Share on: