कितने "प्यार से पाला हुआ उड़ जो गया है पंछी Admin पंछी की शायरी, रिश्ते << कोई ख़त नहीं "रिश्ते किसी से कुछ यूँ न... >> कितने"प्यार से पाला हुआ उड़ जो गया है पंछी,उससे रिश्ते थे मेरे यूँ तो पुराने कितने।।।"मुझको मालूम था रूख़सत की घड़ी है फ़िर भी,तुझसे करता रहा मिलने के बहाने कितने।।।"साथ देखे थे कभी ख़्वाब सुहाने कितने,और बाकी हैं अभी ख़्वाब न जाने कितने।।। Share on: