कुछ ख़ास रिश्ते कुछ ख़ास समय में परखे जाते हैं। Admin गरीब शायरी, रिश्ते << हम बेबस हैं शायर-ए-फ़ितरत हूँ मैं जब ... >> कुछ ख़ास रिश्ते कुछ ख़ास समय में परखे जाते हैं।औलाद: बुढ़ापे मेंदोस्त: मुसीबत मेंपत्नी: गरीबी मेंरिश्तेदार: जरुरत में Share on: