कर दो तब्दील अदालतों को मयखानों में साहब Admin शायरी झूठ पर, शराब << मेरे घर से मयखाना इतना कर... दोस्ती फूल से करोगे तो मह... >> कर दो तब्दील अदालतों को मयखानों में साहबसुना है नशे में कोई झूठ नहीं बोलता! Share on: