नशा पिलाके गिराना तो सबको आता है Admin शराब साकी शायरी, शराब << बड़ी भूल हुई अनजाने में तनहइयो के आलम की ना बात क... >> नशा पिलाके गिराना तो सबको आता हैमज़ा तो जब है कि गिरतों को थाम ले साकीजो बादाकश थे पुराने वो उठते जाते हैंकहीं से आबे-बक़ा-ए-दवाम ले साकीकटी है रात तो हंगामा-गुस्तरी में तेरीसहर क़रीब है अल्लाह का नाम ले साकी। Share on: