गिले शिकवे दिल से न लगा लेना हास्य << अय दोस्त मत कर इन हसीनाओं... काला न कहो मेरे महबूब को >> गिले शिकवे दिल से न लगा लेनाकभी रूठ जाऊं तो मना लेनाकल का क्या पता हम हो न होइसलिए जब भी मिलूंकभी समोसा और कभी पानी पूरी खिला देना। Share on: