कभी खुली हवा मे घुमते थे हास्य << तुमसा कोई दूसरा जमीन पर ह... होठों को छुआ उसने तो >> कभी खुली हवा मे घुमते थेअब "ए. सी." की आदत लगायी है!धुप हम्से सहन नही होतीहर कोई देता यही दुहाई है! Share on: