हुस्न की पहचान बाकि है परिंदों में जान बाकी है मुस्कराकर रोता हुआ छोड़ गए हो तुम धडकनों Admin परिंदो पर शायरी, हुस्न << आके तू मेरी मौत पे एक फूल... एक मोहब्बत को छोड़कर क्या... >> हुस्न की पहचान बाकि हैपरिंदों में जान बाकी हैमुस्कराकर रोता हुआ छोड़ गए हो तुमधडकनों में जान बाकी है Share on: