मुझे देखकर मुँह फेर लो, ऐसी भी क्या तेरी बेरूखीमहफिल में दूर-दूर हो, ऐसी भी क्या तेरी बेबसीमुड़के जो देखती हो तुम, मजबूर हो क्यूँ दिल से तुममुझे इस तरह न तलाश कर कि बदनाम हो दीवानगीजब-जब सितम तूने किया, हम सह गए दिल खोल करजालिम है तेरी हर अदा, कातिल है तेरी आशिकीखत की तरह खामोश तुम, तेरा हुस्न ही मजमून हैतेरे नैनों पे गजल लिखी, तेरे नक्श में है शायरी