एक नूर सा आज मेरे देश पे बरस्ता है Admin भारत पाकिस्तान शायरी, अन्य << एक दुआ मांगते है हम अपने ... चिरागो की रोशनी >> एक नूर सा आज मेरे देश पे बरस्ता हैजिसे देख आसमां भी तरसता हैसूरज भी इस बात से हैरां है कि आज भारत मेरे जैसा कैसे चमकता है। शुभ दीपावली! Share on: