हज़ार चेहरों में उसकी मुशाहबतें मिले मुझ को Admin अन्य << चांदनी को गुमान है की मेर... जब रसोई में काम करते हुए ... >> हज़ार चेहरों में उसकी मुशाहबतें मिले मुझ कोपर दिल की ज़िद थी अगर वो नहीं तो उस जैसा भी नहीं। Share on: