क्या बनाने आये थे और क्या बना बैठे Admin मनाने वाली शायरी, अन्य << कहते है हर बात जुबां से ह... मियां मैं शेर हूँ शेर... >> क्या बनाने आये थे और क्या बना बैठेकहीं मंदिर बना बैठे तो कहीं मस्जिद बना बैठेहमसे तो जात अच्छी उन परिंदों कीजो कभी मंदिर पर जा बैठे तो कभी मस्जिद पे जा बैठे। Share on: