मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू Admin रोते रोते शायरी, अश्क << ख़ाली नही रहा कभी आँखों का... मैं ज़हर तो पी लूँ शौक़ से ... >> मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसूमुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना। Share on: