जब से बाजी Admin बाज शायरी, इश्क << उसको पाना नही मेरी तकदीर ... जिनको भी गमे-इश्क में मौत... >> जब से बाजी, वफा की हारे हैं.दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.तुम हमारे सिवा, सभी के हो,हम किसी के नहीं, तुम्हारे हैं. Share on: