वो मुहब्बत भी उसकी थी वो नफरत भी उसकी थी Admin प्यार नफरत शायरी, जुदाई << वो कब की भूल चुकी होगी दर्द पर कैसे ये पहरे हो ग... >> वो मुहब्बत भी उसकी थी वो नफरत भी उसकी थी ,वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी उसकी थी !मैं अपनी वफा का इन्साफ किस से मांगता ,वो शहर भी उसका था वो अदालत भी उसकी थी ! Share on: