जब दर्द मुहब्बत का मेरे पास नहीं थामैं कौन हूँ, क्या हूँ, मुझे एहसास नहीं थाटूटा मेरा हर ख़्वाब, हुआ जबसे जुदा वोइतना तो कभी दिल मेरा बेआस नहीं थाआया जो मेरे पास मेरे होंट भिगोनेवो रेत का दरिया था, मेरी प्यास नहीं थाबैठा हूँ मैं तनहाई को सीने से लगा केइस हाल में जीना तो मुझे रास नहीं थाकब जान सका दर्द मेरा देखने वालाचेहरा मेरे हालात का अक्कास नहीं थाक्यों ज़हर बना उसका तबस्सुम मेरे ह़क मेंऐ ‘नक़्श’ वो इक दोस्त था अलमास नहीं था