कुछ बस्तियां जो उजड़ के फिर बस जाती हैं ऊन बस्तियों की खुशियाँ ही निराली होती Admin खुशियाँ शायरी फेसबुक, दर्द << मंजिल पे पहुँच जाने के आस... मोहब्बत का नतीजा दुनिया म... >> कुछ बस्तियां जो उजड़ के फिर बस जाती हैंऊन बस्तियों की खुशियाँ ही निराली होती हैं /दिये तो कुछ लोग जला लेते हैं उजालों मे भीजो अँधेरों मे जलते हैं उनकी बात निराली होती है Share on: