सोचा था की वो मेरी ज़िन्दगी है प्यारा सा ख्वाब और बंदगी है ये सोचकर उसपे सब Admin ज़िन्दगी और मौत शायरी, दर्द << साफ़ नहीं कहती उसकी रजा ह... जो कभी टूट के बिखरो तो बत... >> सोचा था की वो मेरी ज़िन्दगी हैप्यारा सा ख्वाब और बंदगी हैये सोचकर उसपे सब कुछ लुटाया है, औरवो पूछते है की तू मेरी क्या लगती है Share on: