ये सूरज कुछ कह रहा है Admin शुभ सुबह शायरी, दर्द << किस्मत के मारों को सहारा ... अब खुशी है न कोई ग़म रुला... >> ये सूरज कुछ कह रहा है....भले ही मेरे जाने की ख़ुशीआज तुम्हे राहत दे !दिल को बीते वक़्त का सुकूनऔर मीठी नींद की चाहत दे !मगर ये सच तो,तुमसे भी छुपा नहीं !कि मेरी मौजूदगी के बिनातेरी सुबह का अस्तित्व नहीं ! Share on: