किस्मत के मारों को सहारा नही मिलता Admin जिस्म पर शायरी, दर्द << बेशक बहारें दिल को पसंद आ... ये सूरज कुछ कह रहा है >> किस्मत के मारों को सहारा नही मिलता,मझदार में भटकतें किनारा नही मिलता,"रैना को भी इस कद्र नसीब न हुई बहारें,जैसे खिंजा के फूल को नजारा नही मिलता. Share on: