चाँद से प्यारा कोई तारा नहीं होता Admin नफरत पर शायरी, प्रेम << ना जाने वक़्त के साथ ये क्... इन आँखों से तेरा अक्स मिट... >> चाँद से प्यारा कोई तारा नहीं होता,दोस्त से अच्छा कोई साथी नहीं होता,हम तो यूही प्यार से नफरत करते थे,और पता चला की प्यार से प्यारा कोई रिश्ता नहीं होता। ……! Share on: