हमने जब भी चाहा भरपूर चाहा कभी इधर भागे कभी उधर भागा ख़ुशी ने जब हमें मुड़कर Admin शमशान की शायरी, प्रेम << फिजाओं में रंग कुछ इस तरह... दिल कहता है तू है यहा तो ... >> हमने जब भी चाहा भरपूर चाहाकभी इधर भागे कभी उधर भागाख़ुशी ने जब हमें मुड़कर प्यार से देखातबतक पार कर लिया था हमने शमशान आधा. Share on: